यह दुनिया का सबसे रहस्यमयी पौधा जो करता है 10 प्रकार की बीमारियों को दूर
हेलो दोस्तों मेरा नाम विपिन यादव आप सभी का स्वागत करता हूँ। दोस्तों आज का टॉपिक है। एक ऐसे पौधा पे है जो हमारे शरीर की छोटी बड़ी 10 बीमारियों को दूर कर सकता है। और यह पौधा हमारे गांव घर में आसानी से मिल सकता है। तो शुरू करते है।
आपने यह जरूर सुना होगा की अगर किसी चीज के बारे में जानना है तो उसका पूरा ज्ञान लेना चाहिए। क्युकी आधी अधूरी जानकारी जानलेवा होता है। ठीक उसी प्रकार से आयुर्वेद में भी बहुत से ऐसे चीजों के बारे बताया गया है। जो की लोगो को उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं होता है। और वह आयुर्वेद के औषधि का पूरा फायदा नहीं ले पाते है। \
आज हम अपने इस लेख में बताने जा रहे है। एक ऐसे पौधे के बारे में जिसके के बारे में सायद ही कोई आप को बताया होगा। यह कोई मामूली पॉयदा नहीं है बल्कि एक ऐसा पौधा है। जिसके बारे में यदि आपको पूरा ज्ञान हो तो आप 10 प्रकार के बीमारियों को समाप्त कर सकते है। इस लाभकारी पौधा का नाम अतिबला है चलिए जानते है। इस पौधे का इस्तेमाल आप कैसे और कौन कौन सी बीमारी में कर सकते है।
1 पेशाब का बार बार आना :-
अतिबला की जड़ कि छाल का पाउडर यदि चीनी के साथ ले तो बार बार पेशाब आने की समस्या ख़त्म होने लगता है और बार बार पेशाब आने की बीमारी से छुटकारा मिलतीं है।
2 मसूड़ो की सूजन :-
अतिबला के पत्तो का यदि आप काढ़ा बनाकर आप प्रतिदिन दिन में 3 4 बार कुल्ला करते है तो मसूड़ो के सूजन काम होने लगता है। और इसका रोजाना इस्तेमाल करने से मसूडो का ढीलापन दूर होता है।
3 गीली खासी :-
अतिबला के साथ कंटकारी बृहती वासा के पत्तो को और अंगूर को बराबर मात्रा में ले और काढ़ा बना ले। इसे 14 से 28 मिलीलीटर की मात्रा में 5 ग्राम शर्करा के साथ में मिलकर दिन में दो बार लेने से गीली खासी बिलकुल पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
4 दस्त :-
अतिबला के पत्तो को देशी घी में मिलकर दिन में 2 बार पिने से दस्त में काफी लाभ मिलता है।
5 पेशाब के साथ खून का आना :-
अतिबला की जड़ का 40 मिलीलीटर की मात्रा में काढ़ा बनाकर सुबह शाम पिने से पेशाब के साथ खून आना पूरी तरह से बंद हो जाता है।
6 बबासीर :-
अतिबला के पत्तो को अच्छी तरह से उबाल कर उसका काढ़ा बना ले। इस काढ़े को उचित मात्रा में ताड़ का गुड़ मिलकर पिए। इससे बबासीर के मरीजों को बेहतरीन लाभ मिलता है।
7 पेट में दर्द होने पर :-
अतिबला के साथ कटेरी लाख और सौफ को मिलकर दूध के साथ पिने से पित्तोदर यानी की पित्त के कारन पेट में दर्द होने से लाभ मिलता है.
8 मूत्ररोग :-
अतिबला के पत्तो या जड़ का काढ़ा बना ले। और इसे नियमित रूप से रोज 40 मिलीलीटर लेने से मूत्र रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। यदि इसके बीज को 4 - 8 ग्राम रोज ले तो काफी ज्यादा फायदा होगा काढ़े के मुकाबले।
9 शरीर को शक्तिशाली बनाना :-
शरीर में कमजोरी होने पर अतिबला के बीजो को पकाकर खाने से शरीर की ततक बढ़ जाती है।
10 चहरे का दाग धब्बा :-
अतिबला चहरे से दाग धब्बो को भी दूर करता है। इसके लिए आपको इसके पत्तो का पेस्ट बनाकर चहरे पर लगाने से दाग धब्बे साफ होने लगते है।
दोस्तों इसी प्रकार से अन्य बीमारियों में इसका काढ़ा ,पेस्ट , या पाउडर काम करता है।
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